संकल्प की शक्ति का जीवन में महत्व
जब हम जीवन की सबसे भीषण समस्या में होते हैं तो हम उस बीच नदी में फंसे होते हैं जहाँ से निकलने के लिए हमें तैरना नहीं आता है लेकिन जो लोग कोशिश करते हैं वो डूबने से भी बच जाते हैं हम किसी भी कार्य को करने के लिए पूरी तरह संकल्पित नहीं होते हैं हमे कहीं न कहीं कोई न कोई आशंका घेरी रहती है अपने पहनावे को लेकर अपने रंग रूप को लेकर बाहर के किसी डर की वजह से दूसरे के तानो का डर सदैव झिझक उलझन बस यही हमे कभी संकल्पित होने नहीं देती है हम जीवन में किसी भी काम को करने के लिए इसलिए संकल्पित नहीं होते हैं क्योंकि हम अपने जीवन की किसी अप्रिय स्थिति को बार -बार याद करके उन्हें अपने यादो मे सदैव ताजा रखते हैं इस तरह से हम जीवन में हर नकारात्मक यादों को जमा करते रहते हैं अपने यादो का उन्हें हिस्सा बना लेते हैं बस हर वक्त हमारे दिमाग में वही चलता रहता है जिससे हम कभी बाहर नहीं निकल पाते हैं और जीवन में कभी भी संकल्पित नहीं हो पाते हैं वही जिस मनुष्य के हि्दय में संकल्प है वो इस प्रकार की घटनाओं से कभी भी अपने दिमाग को भरने नहीं देते हैं क्योंकि उनका दिमाग इस तरह के विचारों को तुरंत मिटा देता है या कह सकते हैं डिलीट कर देते हैं उनके दिमागो में सदैव अच्छी यादो का संग्रह होता रहता है जब भी उन्हें फुर्सत मिलती है तो उन यादो को ताजा करके खिलखिलाकर हंसते है और जीवन का आनंद लेते हैं इरादे से लेकर प्राप्त करने की अवस्था ही तो हमे संकल्पित बनाती है जो राह फूलो के सुगंधित बगीचे मे ले जाती है उस राह पर कांटे अक्सर मिलते है तो हमारा लक्ष्य बगीचे तक पहुँचना ही है तो कांटो की परवाह मे समय भला कौन बर्बाद करता है यही नियम जीवन पर भी लागू है अगर खुबसूरत भविष्य चाहिए तो वर्तमान के उलझन भरे कांटो से विजयी होकर बाहर आना ही होगा जो कार्य असंभव है उस कार्य को संभव करना ही संकल्प की शक्ति कहलाती है
जो कार्य सबके लिए कठिन है लेकिन आप ने निर्णय लिया है खुद से वादा किया है कि इस कार्य को आप करके रहेंगे इसे ही तो संकल्प की शक्ति कहते है जब हमें खुद पर भरोसा हो जाता है तो हम खुद में ही अपनी सारी ऊर्जाओं के साथ संगठित हो जाते हैं और नयी गाथाओं को लिखने निकल पड़ते है किसी महान इंसान ने कहा है कि जब मैं हारा तो अपने आप को मनाया बस एक बार और मैंने हर बार ऐसा ही किया और आखिरकार मैं जीत गया
संकल्प की शक्ति किसी प्रकार कार्य करती है
- हमारे विचार और व्यवहार पर ये निर्भर करता है की कितना हम संकल्पित है किसी कार्य को करने के लिए
- संकल्प हमारी क्षमताओं का सबसे बड़ा उदाहरण होता है
- जो मनुष्य किसी गंभीर बिमारियों से लड़ रहा है और उसके बचने की उम्मीद ना के बराबर हो तो वहीं मनुष्य केवल अपने संकल्प की शक्ति से स्वस्थ होकर गंभीर बिमारियों को मात दे देता है
- संकल्प हमारी क्षमताओं को इतना पैना बना देता है की जीवन में बड़े से बड़े गंभीर परिवर्तनों को मनुष्य सहजता से स्वीकार कर लेता है
- हमारी कोशिशों का नतीजा क्या निकलेगा ये हमारी संकल्प की शक्ति ही तय करती है
- अगर हम संकल्पित है तो हमारा सबकुछ भले क्यों ना नष्ट-भ्रष्ट हो जाए फिर भी हम उसे दुबारा प्राप्त कर सकते हैं
- जब हम जीवन में सबसे कठिन दौर में होते हैं तो कुछ न कुछ ऐसी भावना अवश्य हमारे दुःख में से बाहर आता है जो हमें प्रेरणा देना का काम करती है और हम अपने कार्य के प्रति पूर्ण रूपेण संकल्पित हो जाते हैं और यही संकल्प हमें विजयी बनाता है
- वो एक पंक्षी की संकल्प की ही शक्ति होती है जो उसे एक -एक तिनके को चुनकर घोंसला बनाने का कठिन कार्य करवाती है
- संकल्प की शक्ति हमेशा सच्चाई के साथ ही काम करती है क्योंकि जिसके भीतर सच्चाई है वो स्वयं संकल्पित ही होता है
- हर हार को जीत में किसी इंसान की संकल्प की शक्ति ने ही बदला है और इतिहास ऐसी गाथाओं से भरा पड़ा है
संकल्प कैसे काम करता है
- एक संकल्पित मनुष्य कभी नहीं हारता
- संकल्प कर्मों की महानता का प्रमाण है
- संकल्प हमें कभी ये भूलने नहीं देता की हम जीतने के लिए कार्य कर रहे हैं
- एक संकल्पित मनुष्य बाधाओं पर आशाओं के पुल का निर्माण करता है
- जो सफल है वो संकल्पित है जो असफल है उसमें संकल्प का प्रभाव बिल्कुल भी नहीं है
- कठिन मार्गों पर चलने के लिए विश्वास और संकल्प दोनों की ही आवश्यकता होती है
- संकल्प अंतर आत्मा की आवाज है मैं अपने हर हार को पुनः संकल्पित होकर जीत में परावर्तित कर सकता हूं