loveप्रेम

Kunal Kumar
3 min readApr 24, 2021

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प्रेम क्या है

समय के साथ-साथ कितना बदला है आज कल का प्रेम

प्रेम का मूल आधार क्या है

प्रेम कब सफल होता है

क्या मुक्ति का मार्ग प्रेम से संभव है

कुछ प्रेरणादायक कथन

कल्याणकारी विचार

दो पंक्तियां द्वारा वृतांत

हमने क्या सीखा

प्रेम क्या है:-प्रेम वो अनुभूति है जो ईश्वर और आत्मा के भेद को मिटाकर एक कर दें वही तो प्रेम है घने अंधकार में भी प्रकाश की लौ प्रज्वलित कर दें वही तो प्रेम है निराशा की आंधी को सदा के लिए बहा कर आशाओं का प्रकाश जीवन में जो ले आए वहीं तो प्रेम है प्रेम आत्मा की मुक्ति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है जो मोक्ष देने में सक्षम है

समय के साथ-साथ कितना बदला है आज कल का प्रेम:- समय के साथ-साथ प्रेम का स्वरूप बदला है लेकिन जिस प्रेम में स्वार्थ नहीं है वो प्रेम आज भी अपने चरम सीमा पर ध्वजारोहण कर रहा है प्रेम तो सारे सीमाओं के पार है जिस सीमा का अंत नहीं है

प्रेम तो मन की गति की तरह ही अत्याधिक वेग से स्वच्छंद होकर गमन कर रहा है प्रेम को समझने के लिए प्रेम भी आवश्यक है क्योंकि बिना प्रेम के प्रेम की अनुभूति महसूस नहीं होती प्रेम तो ईश्वर का एक और रूप है पर दुर्भाग्यपूर्ण कुछ लोग प्रेम को सही से समझ नहीं पाते उनके लिए अपना निहित स्वार्थ सर्वोपरि है फिर उनके लिए प्रेम मात्र एक खिलौना बन के रह गया है

प्रेम की अभिलाषाओं से देखो ऐसा काम हुआ है

बड़े-बड़े चट्टानों का अंत का परिणाम हुआ है

क्या बांधे कोई प्रेम को ये तो हर युग में

सीता और राम हुआ है

आज के आधुनिक युग में प्रेम की निम्नलिखित परिभाषा है युवाओं मे :-

1. मैं अपना जीवन थोड़े ही बर्बाद करूंगी

2. देखते हैं आगे सोचेंगे क्या करना है

3. समय बिताने के लिए ठीक है पर शादी के लिए नहीं

4. तुम ने ये कैसे सोचा की मैं तुमसे शादी करूंगी

5. आज कल पैसा ही सच्चा प्रेम है

6. पैसा ही प्रेम की ठोस भावना का मजबूत आधार है

ऐसे अनगिनत विचार है प्रेम के बारे मे लेकिन अफसोस प्रेम का ही अभाव है ये विचार सबके नहीं है पर अधिकांश लोग ऐसा ही सोचते है

प्रेम का मूल आधार क्या है:- प्रेम का मूल आधार है स्नेह एक दूसरे के प्रति एक दूसरे से आंतरिक रूप से जुड़ा होना वो अनुभूति जो सबसे अद्भुत है उसका एहसास होना एक दूसरे के मन में क्या चल रहा है इसे समझ जाना एक दूसरे के प्रति निष्ठावान बनना और एक दूसरे से कभी अलग न होने का भाव ही तो प्रेम का आधार है

प्रेम की रचना करूं तो कैसे

प्रेम की संरचना करूं तो कैसे

मुझे उस प्रेम की तलाश है

जो मेरा वर्तमान है

जो मेरा बनने वाला इतिहास है

क्या मुक्ति का मार्ग प्रेम से संभव है:- बिल्कुल मुक्ति ही तो प्रेम है जहां मुक्ति है वही प्रेम है हर मुक्ति की कहानी प्रेम की ही तो कहानी है

पूरा पढ़ने के लिए link पर जाये

https://www.kunal9july.com/2021/02/blog-post_14.html

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Kunal Kumar

I am a writer, wants to motivate the world through my poems and article.